महिलाओं को लेकर एनडीए और महागठबंधन दोनों की सोच पर उठे सवाल

- Reporter 12
- 16 Oct, 2025
मोहम्मदआलम
बिहार की राजनीति में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हमेशा महिलाओं को सशक्त बनाने का दावा किया है। चाहे पंचायतों में 50% आरक्षण हो या शराबबंदी जैसी नीतियाँ — हर मोर्चे पर महिला सशक्तिकरण को सरकार की पहचान बताया गया। लेकिन 2025 के विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों की सूची पर नज़र डालें, तो यह तस्वीर कुछ और ही कहानी कहती है।एनडीए गठबंधन में शामिल जेडीयू और बीजेपी — दोनों ही दलों ने महिलाओं की भागीदारी को लेकर अपेक्षा के अनुरूप उत्साह नहीं दिखाया है। जेडीयू की पहली सूची में 57 उम्मीदवारों में सिर्फ 4 महिलाएँ हैं, जबकि बीजेपी ने अपनी पहली सूची में 9 महिलाओं को टिकट दिया है।यानी कुल मिलाकर एनडीए की पहली लिस्ट में महिलाओं की हिस्सेदारी दस प्रतिशत से भी कम है।
इसी तरह महागठबंधन में भी तस्वीर बहुत बदली हुई नहीं दिखती। वहाँ भी महिलाओं को टिकट देने में ‘प्रतीकात्मक समानता’ से आगे की सोच फिलहाल दिखाई नहीं देती।
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि बिहार जैसे सामाजिक रूप से संवेदनशील राज्य में, जहाँ आधी आबादी लंबे समय से बदलाव की प्रतीक्षा में है, वहाँ टिकट बंटवारे में यह असंतुलन गंभीर सवाल खड़े करता है।
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